बातचीत चैप्टर पाठ का प्रश्न उत्तर Class 12th Hindi | batchit chapter path ka prashn uter
1.) अगर हममें वाकशक्ति न होती, तो क्या होता ? Class 12th Hindi
➡️ अगर हममें वाकशक्ति न होती तो पूरा पृथ्वी गूंगी प्रतीत होती और गूंगी की अवस्था में किसी कोने में बैठी होती ।
वाकशक्ति के द्वारा ही हम किसी से बात कर सकते हैं, और अलग अलग तरह के क्रियाकलाप कर सकते है | जब वाकशक्ति ही नहीं होती, जो हमारे जीवन का जो गति है, वे थम जाती और पूरी सृष्टि गूंगी हो जाती, विचारों का आदान–प्रदान नहीं हो पाता, इस लिए मनुष्य में वाकशक्ति होना अतिआवश्यक है ।
2) बातचीत के संबंध में बेन जॉनसन और एडिसन के विचार हैं ? Class 12th Hindi
➡️ बातचीत के संबंध में बेन जॉनसन का कहना है कि बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है, वे यह भी कहते हैं कि जिन लोगों को बातचीत का लत लग जाता है, वे बिना बातचीत किये नहीं रह सकते हैं । चार लोगों से अधिक के बीच बातचीत तो राम–रामौवल कहलाती है जबकि एडिसन का कहना है कि असली बातचीत सिर्फ दो लोगों के बीच हो सकती है । इसका अर्थ है कि, जब दो व्यक्ति होते हैं तभी एक दूसरे के सामने अपने दिल को खोलते हैं और बातचीत होती है, अगर दो से ज्यादा लोग हुए है या 3 लोग होते हैं तो वह बात त्रिकोणीय हो जाता है । और उससे अधिक लोगों के बीच बातचीत नहीं बल्कि बतकही होती है ।
3.) ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ क्या है Class 12th Hindi
➡️ आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन का मतलब बातचीत की कला है, जो यूरोप के लोगों में ज्यादा प्रचलित है | आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन ऐसे चतुराई के प्रसंग छोड़ जाते हैं कि जिन्हें सुनकर कान को अत्यंत सुख का अहसास होता है | शर्मीलापन हिचकिचाहट और घबराहट मानसिक कमजोरी ये अच्छी बातचीत के करने के बाधक है और आत्मविश्वास के साथ निरंतर अलग रहकर किए जाने वाले वार्तालाप के द्वारा कमजोरियों को दूर किया जा सकता है
4.) मनुष्य के बातचीत का तरीका क्या हो सकता है ? इसके द्वारा वह कैसे अपने लिए स्वर्था नवीन संसार की रचना कर सकता है ? Class 12th Hindi
मनुष्य के बातचीत का सबसे अच्छा तरीका आत्मा वार्तालाप है अर्थात अपने आप से बातचीत करना | मनुष्य अपने अंदर ऐसी शक्ति विकसित करें जिसके कारण वह अपने आप से बात कर लिया करें | आत्म वार्तालाप करने से क्रोध पर नियंत्रण होगा जिससे किसी को ठेस नहीं पहुंच सकेगा | धैर्य लग्न व पैनी नजर से बातचीत करना मुख्य साधन हैं
हम बातचीत के द्वारा अपनी कमियों कमजोरियों और गलतियों को जानकर उनको सुधारने का प्रयत्न किया जाना चाहिए तथा अन्य लोगों की गलतियों से भी शिक्षा ग्रहण करने की कोशिश करनी चाहिए | मनुष्य को अपने जिह्वा पर काबू रखना चाहिए और मधुरता भरी वाणी बोलना चाहिए यही बातचीत का उत्तम तरीका है
व्याख्या करें
क) हमारे भीतरी मनोवृति प्रतिक्षण नए–नए रंग दिखाए करती है, प्रपंचात्मक संसार की एक भारी आईना है, जिसमें जैसा चाहे वैसा सूरत देख लेना कोई दुर्घट बात नहीं है class 12 hindi
➡️ प्रस्तुत पंक्तियां बातचीत निबन्द के विद्वान लेखक बालकृष्ण भट्ट के शीर्षक पाठ से लिया गया है | इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक ने हमें बताया है कि जो इंसान समाज में रहता है तो समाज की भाषा सीखता है | भाषा उसके स्वभाव का एक माध्यम बन जाता है | लेकिन मनुष्य के अंदर मनोवृति स्थिर नहीं रहती है और इसी चंचलता के कारण मनुष्य एक दूसरे को दुश्मन मान लेता है | वह कभी कटुता बोली या कभी मीठी बोली बोलता है और इससे मनुष्य के चरित्र का पता नहीं लग पाता है | मनुष्य के मन की स्थिति गिरगिट के जैसे रंग बदलती है | इस स्थिति के कारण लेखक के मन के चंचलो को जड़ मानते हैं | इस सृष्टि में झूठे छल कपट होते रहते हैं | इसका का सबसे बड़ा कारण इस मन की चंचलता को मानते हैं | अतः ऐसी स्थिति में विद्वान लेखक बचने की सलाह देते हैं और मन की चंचलता पर नियंत्रण रखने को कहते हैं
ख) सच है, जब तक मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण दोष प्रकट नहीं होता है |
प्रस्तुत पंक्तियां विद्वान निबंधकार बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित ‘बातचीत’ शीर्षक ललित निबंध से ली गई है | इन पंक्तियों के माध्यम से निबंधकार या बताना चाहते हैं कि बोलने से मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है उसकी पहचान सामने आती है उसका स्वभाव का पता चलता है | मनुष्य के अंदर बहुत से परतें जमी होती है | इसमें कुछ अच्छी होती है कुछ बुरी होती है बातचीत के दौरान यह हमारे जिह्वा से प्रकट होता है | अतः बोलने से मनुष्य के गुणों दोषों की पहचान होती है जब मनुष्य चुप रहता तो उसके गुण दोष का पता नहीं चलता है और वह जब बोलता है तो उसके गुण और दोष का पता होता है
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